Pushpa 2: द रूल – क्या ये फिल्म सच में उम्मीदों पर खरी उतरी?
Pushpa 2 वहीं से शुरू होती है, जहां पार्ट 1 खत्म हुआ था। जंगल का राजा अब बड़े सपनों की ओर बढ़ रहा है।
पुष्पा के किरदार में अल्लू अर्जुन ने फिर से जान डाल दी। उनका हर सीन ऐसा है कि थिएटर तालियों से गूंज उठे।
भंवर सिंह शेखावत इस बार और भी शातिर नजर आते हैं। उनकी चालें पुष्पा को कमजोर नहीं, बल्कि और मजबूत बनाती हैं।
Pushpa 2 की कहानी आपको बांधे रखती है। इमोशन और एक्शन का सही बैलेंस है। लेकिन कहीं-कहीं कहानी थोड़ी धीमी लग सकती है।
रश्मिका मंदाना का रोल छोटा है, लेकिन असरदार है। उनकी और पुष्पा की केमिस्ट्री एक बार फिर दिल जीत लेती है।
“पुष्पा झुकेगा नहीं” जैसी लाइन्स इस बार भी हैं। हर डायलॉग में दम है और थिएटर में गूंज जरूर होगी।
डीएसपी का म्यूजिक कहानी के साथ परफेक्ट बैठता है। गाने थिएटर में अलग जोश लाते हैं, लेकिन अल्बम उतना यादगार नहीं।
एक्शन का लेवल इस बार बहुत ऊपर है। जंगल और समंदर में होने वाली लड़ाइयां खासतौर पर मास्टरपीस हैं।
फिल्म 3 घंटे से ज्यादा लंबी है, लेकिन एक मिनट भी बोरिंग नहीं। हर सीन का एक मकसद है।
फिल्म का हर फ्रेम पोस्टर जैसा लगता है। जंगल, फाइट और ड्रामा – सब कुछ भव्य और दमदार।
फिल्म में दिखाया गया है कि सत्ता पाने के लिए कितनी कुर्बानियां देनी पड़ती हैं। पुष्पा का हर कदम दिल छूता है।
Pushpa 2 अपनी जगह अलग खड़ी होती है। ये पार्ट 1 से बड़ा, बेहतर और ज्यादा इमोशनल है।
थिएटर में हर उम्र के लोग थे। हर सीन पर तालियां और सीटियां सुनाई दीं।
फिल्म की कमाई पहले ही दिन धमाकेदार रही। पुष्पा 2 कई रिकॉर्ड तोड़ने वाली है।
कहानी के कुछ हिस्से खिंचे हुए लग सकते हैं। गानों को और बेहतर बनाया जा सकता था।
Pushpa 2 पूरी तरह पैसा वसूल फिल्म है। इसे थिएटर में देखना ही असली मजा देगा।
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