बांग्लादेश के लिए एक बड़ा आर्थिक संकट सामने आ गया है, जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने शपथ ग्रहण के कुछ ही दिन बाद बांग्लादेश को दी जाने वाली विकास सहायता रोकने का आदेश दिया। यह फैसला बांग्लादेश की सरकार के खिलाफ ट्रंप के कड़े रुख को दर्शाता है, खासकर बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे हमलों को लेकर।
ट्रंप का सख्त रुख और बांग्लादेश की मदद बंद
राष्ट्रपति पद की शपथ लेने के बाद, ट्रंप ने अमेरिका की विकास एजेंसी (USAID) को बांग्लादेश में सभी परियोजनाओं को तुरंत बंद करने का आदेश दिया। इस आदेश का सीधा असर बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर पड़ेगा, जो पहले से ही मुश्किलों का सामना कर रही है। रिपोर्ट्स के अनुसार, ट्रंप ने बांग्लादेश की सरकार को चेतावनी दी थी कि यदि वह हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार को नहीं रोकेगा, तो अमेरिकी मदद रोकी जाएगी, और ऐसा ही हुआ।
बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था की स्थिति
बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पहले से ही संकट में थी। वर्ल्ड बैंक के अनुमान के मुताबिक, 2024-25 के लिए बांग्लादेश का GDP ग्रोथ महज 1% रहने का अनुमान है, और महंगाई दर 10% के आसपास पहुँच चुकी है। ऐसे में जब अमेरिकी सहायता बंद हो जाएगी, तो बांग्लादेश के लिए स्थिति और भी गंभीर हो सकती है। बांग्लादेश के उद्योग और व्यापार पहले ही मंदी के दौर से गुजर रहे हैं, और अगर अमेरिका की मदद बंद होती है, तो यह संकट और बढ़ सकता है।
बांग्लादेश में कट्टरपंथी ताकतों की साजिश
हाल ही में खबरें आईं कि बांग्लादेश में कट्टरपंथी ताकतें सेना प्रमुख जनरल वकार उज जमान को हटाने की साजिश रच रही हैं। इन ताकतों का मानना है कि वकार का रुख भारत के प्रति नरम है, और यह बांग्लादेश के कट्टरपंथी इस्लामी समूहों के लिए सही नहीं है। इसके पीछे पाकिस्तान का हाथ होने की आशंका भी जताई जा रही है। बांग्लादेश की सेना के वरिष्ठ अधिकारी, खासकर लेफ्टिनेंट जनरल मोहम्मद फैजुर रहमान, इस साजिश में शामिल हो सकते हैं।
पाकिस्तान और बांग्लादेश के रिश्ते
अमेरिकी सहायता में कटौती के बाद बांग्लादेश ने पाकिस्तान के साथ अपने रिश्तों को मजबूत करने की कोशिशें शुरू कर दी हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक, बांग्लादेश ने पाकिस्तान से सीधी हवाई सेवाएं शुरू करने का निर्णय लिया है और पाकिस्तान के लिए वीजा नियम भी आसान कर दिए हैं। हालांकि, यह सवाल उठता है कि पाकिस्तान, जो खुद आर्थिक संकट से जूझ रहा है, बांग्लादेश की मदद किस तरह कर पाएगा।
बांग्लादेश की मुश्किलें और भविष्य
बांग्लादेश का आर्थिक मॉडल विफल हो चुका है, और जब तक सरकार सुधारात्मक कदम नहीं उठाती, स्थिति और बिगड़ सकती है। अमेरिकी सहायता का बंद होना बांग्लादेश के लिए एक बड़ा झटका है, क्योंकि यह सहायता मुख्य रूप से विकास परियोजनाओं के लिए थी, जो अब रुक जाएंगी। साथ ही, बांग्लादेश में राजनीतिक अस्थिरता और कट्टरपंथी ताकतों का बढ़ता प्रभाव भी चिंता का विषय है।
गाजा में खुशियों की वापसी: इजराइल-हमास युद्धविराम
दूसरी ओर, इजराइल और हमास के बीच हुए युद्धविराम से गाजा क्षेत्र में खुशियों की वापसी हुई है। 15 महीने बाद, उत्तरी गाजा के विस्थापित लोग अपने घर लौटने में सफल हो रहे हैं। इजराइल ने फिलिस्तीनी नागरिकों को गाजा लौटने की अनुमति दी है, जिससे क्षेत्र में शांति और पुनर्निर्माण की उम्मीद जगी है। फिलिस्तीनी कैदियों की रिहाई और विस्थापितों की वापसी से गाजा में खुशी की लहर दौड़ गई है।
निष्कर्ष
बांग्लादेश और गाजा दोनों ही वर्तमान में बड़ी सियासी और आर्थिक चुनौतियों का सामना कर रहे हैं। जहां बांग्लादेश में अमेरिकी सहायता का बंद होना और सेना प्रमुख के खिलाफ साजिशें चल रही हैं, वहीं गाजा में युद्धविराम और शांति के संकेत हैं। बांग्लादेश की सरकार के लिए यह समय बहुत चुनौतीपूर्ण है, और आने वाले समय में वहां की राजनीति और अर्थव्यवस्था पर गहरे असर डाल सकता है।
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