लखनऊ में मकान के नाम पर लूटा 75 लाख! सूबेदार बोले- “अब तो जान का भी खतरा है

लखनऊ में ठगी के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं। इसी कड़ी में विजय कुमार सिंह, जो असम में सूबेदार के पद पर कार्यरत हैं, उनके साथ 75 लाख रुपये की धोखाधड़ी का मामला सामने आया है। मकान खरीदने के नाम पर न केवल उनकी जीवनभर की कमाई लूट ली गई, बल्कि उन्हें और उनकी पत्नी को जान से मारने की धमकी भी दी गई।

कैसे हुई ठगी?

विजय कुमार सिंह ने लखनऊ के वृंदावन सेक्टर-14 में एक मकान खरीदने का फैसला किया। उन्हें सुनील कुमार शुक्ला, विपिन शुक्ला, सर्वेश कुमार पांडे, रवि सिंह और गौरव अवस्थी नामक लोगों ने एक मकान दिखाया और इसे अपना बताया।

मकान की कीमत 80 लाख रुपये तय हुई और विजय कुमार सिंह ने किश्तों में पैसा देना शुरू किया। उन्होंने कुल 75 लाख रुपये ऑनलाइन ट्रांसफर और कैश के रूप में दिए। बाद में उन्हें बताया गया कि इस मकान पर फास्ट कोस फाइनेंस प्राइवेट लिमिटेड का लोन है और इसे चुकाने के लिए उनसे 66 लाख रुपये और वसूले गए। बैंक मैनेजर ने भी उन्हें आश्वस्त किया कि रजिस्ट्री जल्द हो जाएगी।

रजिस्ट्री नहीं हुई, पैसे भी गए

जब काफी समय बीत जाने के बाद भी रजिस्ट्री नहीं हुई, तो विजय कुमार सिंह को ठगी का अहसास हुआ। जब उन्होंने पैसे वापस मांगे, तो आरोपियों ने 70 लाख रुपये के चेक दे दिए। लेकिन ये चेक बाउंस हो गए। इसके बाद कुछ पैसे छोटे-छोटे ट्रांजेक्शन के जरिए भेजे गए, लेकिन 75 लाख की बड़ी रकम वापस नहीं मिली।

पत्नी को मिली जान से मारने की धमकी

जब विजय कुमार सिंह की पत्नी गायत्री देवी पैसे मांगने आरोपियों के घर गईं, तो उन्हें धमकी दी गई। सर्वेश पांडे की पत्नी कंचन लता और रवि सिंह की पत्नी रितु सिंह ने कहा कि उनके परिवार में 50 मर्डर हो चुके हैं और अगर ज़्यादा बोलोगी तो दो मर्डर और हो जाएंगे। साथ ही उनसे लखनऊ छोड़ने और पैसे भूल जाने के लिए कहा गया।

कानूनी मदद लेने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं

इस मामले में विजय कुमार सिंह और उनकी पत्नी ने कई महीनों तक पुलिस थानों के चक्कर लगाए। अंततः एफआईआर दर्ज हुई, लेकिन अभी तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई।

उन्होंने डीजीपी ऑफिस और एसपी से भी मुलाकात की, लेकिन सिर्फ आश्वासन मिला। कमिश्नर से मिलने के बाद भी कोई ठोस नतीजा नहीं निकला।

परिवार की हालत गंभीर, कर्ज में डूबे

इस ठगी के कारण विजय कुमार सिंह और उनका परिवार आर्थिक संकट में फंस गया है। गायत्री देवी ने अपने सारे गहने गिरवी रखकर लोन लिया, केसीसी और पर्सनल लोन लेकर पैसे जुटाए थे। उन्होंने लखनऊ में अपना एक प्लॉट भी बेचा था, लेकिन अब उनके पास कुछ भी नहीं बचा।

क्या चाहते हैं पीड़ित?

विजय कुमार सिंह और उनकी पत्नी की मांग है कि आरोपियों की जल्द से जल्द गिरफ्तारी हो और उनका पैसा वापस मिले। साथ ही वे चाहते हैं कि इस गिरोह पर सख्त कार्रवाई हो ताकि भविष्य में कोई और इस तरह की ठगी का शिकार न हो।

प्रशासन से उम्मीद

लखनऊ में बढ़ते ठगी के मामलों को देखते हुए प्रशासन को सख्त कदम उठाने की जरूरत है। अगर समय रहते ठोस कार्रवाई नहीं हुई, तो इस तरह के अपराध और बढ़ सकते हैं।


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