बिहार में पकड़वा विवाह का चौंकाने वाला मामला: BPSC की तैयारी कर रहे छात्र को बनाया जबरन दूल्हा

बाढ़ में प्रतियोगी छात्र का जबरन विवाह
बिहार में पकड़वा विवाह की परंपरा, भले ही पुरानी हो, लेकिन यह कुप्रथा अब भी खत्म नहीं हुई है। ताजा मामला पटना के पास बाढ़ से सामने आया है, जहां प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहे एक छात्र को अगवा कर जबरन शादी करवा दी गई।

युवक को अगवा कर हरौली गांव ले जाया गया
24 वर्षीय शुभम, जो पटना के बहादुरपुर इलाके में रहकर प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहा था, सोमवार को अपने मित्र संतोष के बुलावे पर मिलने गया। लेकिन यह मुलाकात उसके लिए बुरा सपना बन गई। संतोष ने शुभम को बहाने से बुलाया और अपने साथियों के साथ मिलकर उसका अपहरण कर लिया।

इसके बाद शुभम को बाढ़ थाने के हरौली गांव ले जाया गया, जहां पहले से ही शादी की तैयारियां चल रही थीं। गांव पहुंचते ही शुभम का जबरन विवाह करा दिया गया।

पिता ने दी पुलिस को सूचना
शुभम के पिता ने बताया कि घटना के बाद अपहरणकर्ता ने खुद उन्हें फोन कर बताया कि उनके बेटे की शादी कर दी गई है। यह सुनते ही परिवार के होश उड़ गए। पिता ने तुरंत 112 पर कॉल कर पुलिस को सूचना दी।

पुलिस ने तेजी से कार्रवाई करते हुए शुभम और उसकी कथित दुल्हन को हरौली गांव से बरामद कर लिया। मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस ने दोनों का बयान दर्ज किया और इसे बहादुरपुर थाना, पटना को भेज दिया।

पुलिस की त्वरित कार्रवाई
बाढ़ पुलिस के मुताबिक, रात में सूचना मिलने पर गश्ती दल को हरौली गांव भेजा गया। वहां से शुभम और लड़की को बरामद कर लिया गया। पूछताछ में पता चला कि शुभम का पटना से अपहरण किया गया था और हरौली गांव में जबरन शादी कराई गई।

प्रेम प्रसंग की भी जांच
हालांकि लड़की ने बयान में कहा कि वह शुभम को नहीं जानती है, लेकिन स्थानीय लोगों का कहना है कि शुभम और लड़की छह महीने से एक-दूसरे को जानते थे और फोन पर बातें करते थे। पुलिस अब प्रेम प्रसंग की दिशा में भी जांच कर रही है।

बिहार में पकड़वा विवाह का बढ़ता चलन
यह पहली बार नहीं है जब बिहार में पकड़वा विवाह का मामला सामने आया हो। ऐसी घटनाएं राज्य की छवि को धूमिल करती हैं और कानून व्यवस्था पर सवाल खड़ा करती हैं।

पुलिस ने मामले की गंभीरता को देखते हुए आगे की जांच शुरू कर दी है। उम्मीद है कि दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी और इस प्रथा पर लगाम लगाई जा सकेगी।

निष्कर्ष
पकड़वा विवाह की यह घटना बिहार के सामाजिक ताने-बाने को उजागर करती है। ऐसे मामलों में त्वरित पुलिस कार्रवाई तो होती है, लेकिन इस कुप्रथा को खत्म करने के लिए समाज को भी जागरूक होना होगा।


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